दूसरों के हाथों का खिलौना “
जिंदगी एक ताना बन कर रह गई
दूसरों के हाथों का खिलौना बन कर रह गई
किसी ने कहा अरे ऐसा मत कर नाम खराब करेगी क्या
किसी ने कहा कम बोल जबान चलाएगी क्या
सबकी सुनते सुनते य़ाद नहीं
कब मैं दिल का सुनना भूल गई
जिंदगी एक ताना बन कर रह गई
बस दूसरों के हाथों का खिलौना बन रह गई
– श्री रावत