Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2020 · 2 min read

दूसरे की हत्या का रहस्य सुलझानेवाले ‘व्योमकेश बख़्शी’ यानी सुशांत सिंह राजपूत ‘आत्महत्या’ कैसे कर सकते हैं ?

अपना ‘वॉलीवुड’ को क्या हो गया है ? इरफान, ऋषि कपूर से लेकर अब सुशांत सिंह राजपूत के निधन की खबर ! कई मीडिया संगठनों के अनुसार, उन्होंने अपने मुम्बई घर में फाँसी लगा लिये ! वे 34 वर्ष 5 माह के थे ! जासूस ‘व्योमकेश’ बन दूसरे की हत्या के रहस्यों को सुलझाते-सुलझाते खुद भी अनसुलझे मौत को गले लगा लिए ! उनकी मौत की खबर नौकरों ने पुलिस को दी ! मीडिया खबरों के अनुसार, 9 जून 2020 को उनकी मैनेजर सुश्री दिशा ने अपनी इमारत से कूद कर जान दे दी थी, जिनपर सुशांत सिंह राजपूत ने ट्वीट कर दुःख व्यक्त किया था और 14 जून 2020 को खुद सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी कर लिए ! इसलिए फ्रस्ट्रेशन की बात करनी भी बेमानी होगी ! पुलिस मृत्यु के कारणों पर जाना चाहेगी, क्योंकि वे सुलझे हुए भारतीय टीवी और फ़िल्म अभिनेता थे । सुशांत सिंह राजपूत का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले में 21 जनवरी 1986 को हुआ था, जो कि विकिपीडिया में सुस्पष्ट लिखा है।

बीते वर्ष 2019 में वे बिहार ननिहाल आये थे, जो कि बिहार में ही है । उन्हें सबसे पहले बालाजी टेलीफिल्म’स ने काम दिए ! उसके बाद उन्होंने अपना करियर ‘किस देश में है मेरा दिल’ नामक सीरियल से श्रीगणेश किये, किन्तु जीटीवी का शो ‘पवित्र रिश्ता’ सुशांत के करियर के लिए महत्वपूर्ण पहचान बनी।

ध्यातव्य है, सुशांत सिंह राजपूत का जन्म पूर्णिया, बिहार में धमदाहा के बालूटोला में हुआ था, हालाँकि उनका जन्मभूमि कनेक्शन बिहार के सुदूर देहात ‘महिदा’ व बनमनखी क्षेत्र से है। उनके पिता सरकारी अधिकारी रहे हैं और ट्रांसफर-पोस्टिंग के कारण उनका परिवार भी घूमते रहे और अंतत: वर्ष 2000 में दिल्ली में बस गए ! सुशांत सिंह राजपूत की 4 बहनें भी हैं, जिनमें से मीतू सिंह राज्य स्तर की क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं।

सुशांत सिंह राजपूत की शुरूआती पढ़ाई पूर्णिया बिहार और फिर सेंट कैरेंस हाईस्कूल पटना से हुई है और इसके आगे की पढ़ाई दिल्ली के हंसराज मॉडल स्कूल से हुई । इसके बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग’ की पढ़ाई पूरी की। उनके कई मॉडल और अभिनेत्रियों से अफ़ेयर भी थे।

पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के जीवन पर बनी फिल्म ‘एमएस धौनी’ में वे धौनी बने हैं, तो फ़िल्म ‘व्योमकेश बख़्शी’ में व्योमकेश ! चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित फिल्म ‘काय पो छे’ में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है । ‘पीके’, ‘छिछोरे’, केदारनाथ’, ‘शुद्ध देशी रोमांस’ उनकी अन्य फिल्में हैं।

उन्हें अविस्मरणीय सादर श्रद्धांजलि….

Language: Hindi
Tag: लेख
239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
कवि रमेशराज
प्रेम
प्रेम
Kshma Urmila
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
लोकोक्तियां (Proverbs)
लोकोक्तियां (Proverbs)
Indu Singh
चली ये कैसी हवाएं...?
चली ये कैसी हवाएं...?
Priya princess panwar
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
उदास हो गयी धूप ......
उदास हो गयी धूप ......
sushil sarna
घमंड करू भी तो किस बात का,
घमंड करू भी तो किस बात का,
पूर्वार्थ
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Shashi Mahajan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
3288.*पूर्णिका*
3288.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
आज यादों की अलमारी खोली
आज यादों की अलमारी खोली
Rituraj shivem verma
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
पिता
पिता
Mamta Rani
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
What can you do
What can you do
VINOD CHAUHAN
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
इंजी. संजय श्रीवास्तव
...
...
*प्रणय*
Loading...