Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2019 · 1 min read

दूर रहे गवाहों से

दिनांक 4/7/19
गुनाह

आसान है
आज करना गुनाह
मुश्किल है
रहना बेगुनाह

ईमानदार
होना है गुनाह
मेहनतकश
होना है गुनाह
भ्रष्टाचार में
लिप्त है जो
मानता सुखी
अपने को वो

है मायालोक ये
गंवाते अपना
सुख चैन वो
रखते पैर
अपराध की
दुनियां में
डूबाते नाम
माता पिता का

कोई बनता
डान तो कोई
चोर डाकू

देश समाज पर
मत बोझ बनो
अपराध की
तरफ मत बढो
दूर रहो गुनाहों से

यही है साधना
यही है ईमान
और होगा
तभी मान

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
बंदिशे
बंदिशे
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
તે છે સફળતા
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
Jyoti Khari
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
पूर्वार्थ
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
Price less मोहब्बत 💔
Price less मोहब्बत 💔
Rohit yadav
एक दिन इतिहास लिखूंगा
एक दिन इतिहास लिखूंगा
जीवनदान चारण अबोध
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
कहते हैं लगती नहीं,
कहते हैं लगती नहीं,
sushil sarna
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
मुसाफिर.......
मुसाफिर.......
Harminder Kaur
When I was a child.........
When I was a child.........
Natasha Stephen
कौशल कविता का - कविता
कौशल कविता का - कविता
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मुक्तक – रिश्ते नाते
मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
बिजली रानी से मैंने प्यार किया
बिजली रानी से मैंने प्यार किया
आकाश महेशपुरी
दीदार-ए-इश्क
दीदार-ए-इश्क
Vivek saswat Shukla
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
" धूप-छाँव "
Dr. Kishan tandon kranti
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
शिखर
शिखर
Kaviraag
सखि री !
सखि री !
Rambali Mishra
NeelPadam
NeelPadam
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
राम
राम
Madhuri mahakash
हम अपने मुल्क की पहचान को मिटने नहीं देंगे ।
हम अपने मुल्क की पहचान को मिटने नहीं देंगे ।
Phool gufran
घाव
घाव
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Loading...