दूर आंखों का तारा
**दूर आँखों का तारा**
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माँ की आँखों का तारा।
अगर हो राम को प्यारा।
जिंदा जी मर जाए माँ,
नसीब काल से गया हारा।
बहन का भाई अकेला।
उजड़ गया घर का मेला।
राखी प्रेम का वो धागा,
बहा संग बहती धारा।
टूटा नदी का किनारा।
छूटा पिता का सहारा।
बापू किस को समझाए,
फिरे गली में मारा-मारा।
जीना झूठा मरना सच्चा।
चाहे बड़ा हो या बच्चा।
मनसीरत बात बताए,
होता मुश्किल है गुजारा।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)