Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

दूरियां (मुक्तक)

मुक्तक

तुमसे मिले बिना यें मेरी जिन्दगी
अधूरी है।
मिल नही सकते हम-तुम यें कैसी मजबूरी है।
सिन्दूरी यें सांझ पिया आ देखो!
दिल मिल गयें जब आपस में फिर काहे की दूरी है।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

Language: Hindi
347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अपने और पराए
अपने और पराए
Sushil chauhan
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
VINOD CHAUHAN
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
खोटे सिक्कों के जोर से
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
डरने लगता हूँ...
डरने लगता हूँ...
Aadarsh Dubey
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
Arvind trivedi
चुन्नी सरकी लाज की,
चुन्नी सरकी लाज की,
sushil sarna
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कब तक यही कहे
कब तक यही कहे
मानक लाल मनु
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
DrLakshman Jha Parimal
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पहला खत
पहला खत
Mamta Rani
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...