दूरियां (मुक्तक)
मुक्तक
तुमसे मिले बिना यें मेरी जिन्दगी
अधूरी है।
मिल नही सकते हम-तुम यें कैसी मजबूरी है।
सिन्दूरी यें सांझ पिया आ देखो!
दिल मिल गयें जब आपस में फिर काहे की दूरी है।
सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड
मुक्तक
तुमसे मिले बिना यें मेरी जिन्दगी
अधूरी है।
मिल नही सकते हम-तुम यें कैसी मजबूरी है।
सिन्दूरी यें सांझ पिया आ देखो!
दिल मिल गयें जब आपस में फिर काहे की दूरी है।
सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड