दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की कीमत अलग-अलग होती है क्योंकि श्रेष्ठता जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म, कला और गुणों से प्राप्त होती है। देश, धर्म और केशरिया बाने पर स्वयं को बगैर संकोच के न्यौछावर करने वाले पंच प्यारे और सिख पंथ को देश और धर्म की मुगलो के निर्मम अत्याचारो से रक्षा करने के लिए तैयार करने वाले गुरू नानक देव जी महाराज जी के अवतरण दिवस गुरूपर्व और कार्तिक पूर्णिमा की संपूर्ण सनातन जगत को बहुत-बहुत बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाऐ…🙏🏃🏻♂️संगठित रहिए। अब समय आ गया है जातिभेद और पंथ संप्रदाय से ऊपर उठकर सनातनी बनने का। अपने आप को जैन, बौद्ध, सिख और हिन्दू समझने वालो को बताये हम एक थे एक है और एक ही रहेंगे। ना जय भीम कहने से और ना ही खालिस्तानी बनने से काम चलेगा, अपने पूर्वजो को याद करो उनके स्वाभिमानी शीश को झुकने ना दे। हम बटे मतलब हम कटे हम सभी संगठित है, तभी तक सुरक्षित है। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम…भारत माता की जय 🚭‼️