Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2024 · 1 min read

दुश्मन

फिर से दुश्मन बौखलाया है , शेरों को देख घबराया है
करने लगा निरंतर हमले, आदम भेड़िया बौराया है

यूं तो मेरा ये क्षेत्र नहीं है, लेकिन सुख में कोई नेत्र नहीं है
आरधक भक्तों को मारा, ये तो पड़ोसी मित्र नहीं है
हो जाओ तैयार पाक नापाकी फिर से अम्बर थर्राया है

सिंह शावको को ललकारा है, तुमने मासूमों को मारा है
तो अब हो जाओ तैयार भुगतने, सीमा प्रहरी जयकारा है
हम शक्ति उपासक शांत रहे, तुमने रूद्र जगाया है

हे भरत वंशी शिवा के वंशज, राणा को कैसे भूल गए
जहां चेतक मिसाल वफ़ा की, तुम कागज में तौल गए
आंखे खोलो अब जागो, घाटी में सियार फिर आया है

Language: Hindi
1 Like · 65 Views
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all

You may also like these posts

रहने दें अभी।
रहने दें अभी।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
सुशील कुमार मोदी जी को विनम्र श्रद्धांजलि
सुशील कुमार मोदी जी को विनम्र श्रद्धांजलि
विक्रम कुमार
"आपदा"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
मां शारदे
मां शारदे
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खूब रोया अटल हिज्र में रात भर
खूब रोया अटल हिज्र में रात भर
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
SURYA PRAKASH SHARMA
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
बुनकर...
बुनकर...
Vivek Pandey
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
वक्त का काम
वक्त का काम
पूर्वार्थ
4390.*पूर्णिका*
4390.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन की बात
मन की बात
Rituraj shivem verma
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
खुदा ने इंसान बनाया
खुदा ने इंसान बनाया
shabina. Naaz
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नव रात्रि में शक्तियों का संचार
नव रात्रि में शक्तियों का संचार
Santosh kumar Miri
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
ज़िंदगी नाम बस
ज़िंदगी नाम बस
Dr fauzia Naseem shad
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
घनाक्षरी - सोदाहरण व्याख्या
घनाक्षरी - सोदाहरण व्याख्या
आचार्य ओम नीरव
देश की अखण्डता
देश की अखण्डता
पंकज परिंदा
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
मनभावन होली
मनभावन होली
Anamika Tiwari 'annpurna '
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
Ravi Prakash
Loading...