दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
पैदा करके भी रहता भूखा
खेती बन गई घाटे का धंधा
कानून, प्रशासन सब कुछ अंधा
पौष्टिक छूटा, पीता है चाय
कितना है वह असहाय?
-आचार्य शीलक राम
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
पैदा करके भी रहता भूखा
खेती बन गई घाटे का धंधा
कानून, प्रशासन सब कुछ अंधा
पौष्टिक छूटा, पीता है चाय
कितना है वह असहाय?
-आचार्य शीलक राम