दुविधा
सोचते हैं कुछ और कुछ हो जाता है ,
खोजते हैं कुछ और कुछ खो जाता है ,
होता है कुछ और कुछ नज़र आता है ,
समझते हैं कुछ और कुछ समझ आता है ,
बनाते हैं कुछ और कुछ बन जाता है ,
चाहते हैं कुछ और कुछ मिल जाता है ,
मिलता है कुछ और कुछ दूर हो जाता है ,
दूर होता है कुछ और कुछ पास आ जाता है ,
बढ़ता है कुछ और कुछ कम हो जाता है ,
आसान होता है कुछ और कुछ मुश्किल
हो जाता है ,
इस कुछ-कुछ के फेर में जीवन गुजर जाता है ,
कल्पना में होता है कुछ हक़ीक़त में कुछ
हो जाता है।