दुल्हन
दुल्हन ….
सजसँवर गई दुल्हन प्यारी
बज रहे ओर ढोल नगाड़े
बन्ना बन्नी गीत सब गाएं
मईया खड़ी देखे जाए
सखियाँ देख तुझको मुस्काये
बचपन की यादें आएगी
घड़ियाँ ये फिर रुलायेगी
घर संसार सब नया होगा
बिटिया वही तेरा घर होगा
घर आँगन हो गया सुना
बिखरा पड़ा तेरा खिलौना
कहकहे अपने संग ले चली
यादें भी साथ ले जाना
कल तक लगती तू जो अपनी
आज हो चली सबसे पराई
हर आँख पल पल यूँ नम हुई
जब लाडली घर से विदा हुई।।