दुल्हन सी सजी संपूर्ण आयोध्या नगरी सारी।
आज दीपों से जगमग-जगमग है।।
दुल्हन सी सजी संपूर्ण आयोध्या नगरी सारी!!!
हर घर ही सजा है गुलशन सा।।
हो रही सीता राम के आगमन की तैयारी!!!
माथे पर जिनके है चंद्र ललाट।।
जिनके सुख दुख के साथी है लक्ष्मण भाई!!!
ख़त्म हुआ चौदह वर्ष का वनवास।।
अब आ रही धरा पर राम राज्य की बारी!!!
प्रत्येक ह्रदय है प्रेम से प्रफुल्लित।।
जन मानस व्यक्त करे अपनी खुशियां सारी!!!
बड़ा ही मनमोहक दृश्य है धरा का।।
पुष्पों से सजी है अयोध्या नगरी की गालियां सारी!!!
मंत्र मुग्ध हो रहे देव असुर सब।।
देखी ना इतनी सुंदर पावन प्रकृति छटा निराली!!!
धरती, अंबर, अग्नि, जल, वायु।।
सबने दी है अपनी प्रस्तुति देखो कैसे बारी बारी!!!
आओ हम सब भी इक दीप जलाए।।
प्रभु श्रीराम से जुड़ी है ये पावन प्रथा दीपावली हमारी!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ