*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)
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दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव
1
पर्वत के शिखरों को तुम, मैया दो दिन बस भूलो
एक पालना हो बढ़िया, मैया उसमें तुम झूलो
ऑंचल की लेना मॉं के, मॉं ठंडी-ठंडी छॉंव
2
तुम्हें झुलाकर गोदी में, मॉं परमधाम सुख पाऍं
मधु मुस्कान देखकर अद्भुत, पूर्ण तृप्त हो जाऍं
चरण पूजने निकलें हम, मॉं महानगर हर गॉंव
3
थिरक-थिरककर चलना दो पग, सीखो फिर-फिर गिरना
बजती पायल को लेकर, ऑंगन-भर में मॉं फिरना
सखियों सॅंग खेलो मैया, कुछ भोले-भाले दॉंव
दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451