Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2024 · 1 min read

दुर्गावती घर की

घर चाहरदीवारी में संघर्ष रत सभी मातृशक्तियो को समर्पित🙏💐🙏
किसी ने चुटकी काटी,तीखे शब्दो के विष बुझे तीर से अंतरमन आहत हुआ
सिधे अंतस को लहूलुहान करता तुम्हारा प्रश्न पीती हो तुम?और हंसकर नैनो के कोरो से अश्रु छिपाते कह दिया सबसे ….हां हरदम …घर के दहलीज मे कैद सिसकते पंखों को…,जो दायरे तोड़ मचलते है नभ छूने को,
उन हर पल मरते आशाओं को , स्वयं के विखंडित सपनों का दंश तिल तिल मौत देती घुटन भरी सांसों को..
कड़वे घूंट मै पी जाती हूं हरदम ..जो न पी पाती हूं मै अक्सर मेरी क्रोधाग्नि,उद्वेग आंदोलित हृदय के गुबार को ..जो बहुधा शब्दो का लश्कारा पहना उतर जाती है कोरे कागज पर.. और बेसुध कर देती है सबको
पं अंजू पांडेय अश्रु

1 Like · 12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
I am Yash Mehra
I am Yash Mehra
Yash mehra
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
आग हूं... आग ही रहने दो।
आग हूं... आग ही रहने दो।
अनिल "आदर्श"
तू फ़रिश्ता है अगर तो
तू फ़रिश्ता है अगर तो
*प्रणय प्रभात*
नफ़रत
नफ़रत
विजय कुमार अग्रवाल
"क्लियोपेट्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
पं अंजू पांडेय अश्रु
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
पूर्वार्थ
"प्यार के दीप" गजल-संग्रह और उसके रचयिता ओंकार सिंह ओंकार
Ravi Prakash
*अयोध्या*
*अयोध्या*
Dr. Priya Gupta
262p.पूर्णिका
262p.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
गुरुवर
गुरुवर
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
क्रोधी सदा भूत में जीता
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...