दुर्गाजी का आराधना
संकटहरणी, मंगलकरणी, शक्तिदायिनी माँ
हर पल तेरा स्मरण करें मुझे दर्शन दो माँ ।
तू ही चंडीगढ़, तू ही ज्वाला, तू ही दुर्गा माँ
भक्तों के दु:ख दूर करती दया का सागर माँ ।।
नवरातों में धरा पर आती ले सुहाना रूप
घर- घर होते मंगलाचार देती दर्शन भरपूर ।
शक्ति की दाता है तू , तू ही है जगमाता
तेरा ध्यान करें हम हर पल तुझमें ही मन रमता ।।
सारे जग में होती प्रतिष्ठा नये निराले रूप
भक्त जन प्रसन्न हैं होते देख तेरा स्वरूप ।
कुछ न चाहूँ मैं माता बस इतना मुझे वर दे
नि: स्वार्थ करूँसेवा तेरी शक्ति अपार दे दे ।।
अवगुण मेरे दूर करो माँ जग के सब कष्ट हरो माँ जय जग जननी विपदा हरणी ब्रह्मचारिणी माँ ।
मैं मूरख हूँ खलकामी कल्याण मेरा कर दो माँ
शक्ति विधाता तू जग माता वरद हस्त सर पर रख दो ।।
शत शत वंदन तुझे हैं करते दुष्टों का संहार करो
कृपा करो बच्चों पर हे माँ नमन मेरा स्वीकार करो ।।
** मंजु बंसल **
जोरहाट
( मौलिक व प्रकाशनार्थ )