दुरियाँ
सोचा न था,दुरियाँ होगी,संग तेरे जज्बातों की।
वो लम्हें रीत गये,यादों से उन मुलाकातों की।।
रेखा”कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र
सोचा न था,दुरियाँ होगी,संग तेरे जज्बातों की।
वो लम्हें रीत गये,यादों से उन मुलाकातों की।।
रेखा”कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र