Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2023 · 2 min read

“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
================
दुमका से बसें चलतीं थीं पर उसकी संख्या गिनी -चुनी हुआ करतीं थीं ! भागलपुर के लिए “वन्देमातरम बस ” और दूसरा “विजय भारत” बसें चलतीं थीं ! रामपुरहाट ,जामताडा,देवघर ,गोड्डा ,साहिबगंज, पाकुड़ और चारों तरफ बसें जातीं थीं पर एक या दो ! उन दिनों प्राइवेट बस अड्डा वर्तमान “वीर कूँवर सिंह चौक” या सिंधिया होटल चौक दुमका कहचरी के पास होता था ! बीच बाजार गोला मार्केट के बगल में स्वर्गीय रामजीवन हिम्मत सिंघका एक पेट्रोल पम्प हुआ करता था जहाँ से उनकी बस “वन्देमातरम” भागलपुर के लिए चलती थी ! और बसें बस अड्डे से चलतीं थीं ! किराया भागलपुर का एक रुपया और बच्चों को आठ आने ( 50 पैसे ) देने पड़ते थे ! सड़कों की जर्जर हालत होतीं थीं ! भागलपुर पहुँचने में 9 घंटे लगते थे ! गाड़ी हरेक यात्री को उठा लेता था ! रास्ते में कोई कहीं हाथ दे दिया उसे संवाहक ले लेता था ! अधिकतर सड़कें कच्ची होतीं थीं ! शहर में चार टमटम (तांगे ) हुआ करते थे ! रसूल और हबिया के टमटम में बैठना बड़े गर्व की बात होती थी ! रिक्सा कुछ दिनों के बाद तेलिपाड़ा के राजू मण्डल ने चलबाना प्रारंभ किया ! कार ,स्कूटर ,बाइक और जीप एक आध नज़र आ जाए तो शान की बात होती थी! साइकिल भी बहुत कम लोगों के पास होती थी ! अधिकांश पदाधिकारी पैदल ही अपने दफ्तर जाते थे ! ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण का नामोनिशान नहीं था ! हमारा दुमका शहर जंगल और पहाड़ों के बीच मंगल मनाया करता था !
इसी दौरान ट्रांसपोर्ट सेवा का विस्तार होने लगा और बिहार राज्य परिवहन सेवा दुमका टाउन थाना और प्रधान डाक घर के पास बस अड्डा और डिपो खुल गया ! और हम दुमका वासी सीमित संसाधनों के बीच प्राइवेट और सरकारी बस का लुफ़त उठाते रहे !
=======================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
08.08.2023

Language: Hindi
403 Views

You may also like these posts

3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
Kanchan Gupta
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है, क्रोध करुणा और जागरूकता का अनुप
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है, क्रोध करुणा और जागरूकता का अनुप
Ravikesh Jha
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
प्रेमिका और पत्नी
प्रेमिका और पत्नी
Acharya Rama Nand Mandal
समझो नही मजाक
समझो नही मजाक
RAMESH SHARMA
इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।
इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।
*प्रणय*
उजला चमकता चेहरा
उजला चमकता चेहरा
Chitra Bisht
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
.....बेचारा पुरुष....
.....बेचारा पुरुष....
rubichetanshukla 781
SP54सम्मान देने वालों को
SP54सम्मान देने वालों को
Manoj Shrivastava
विषय-अर्ध भगीरथ।
विषय-अर्ध भगीरथ।
Priya princess panwar
कुत्ते का दर्द
कुत्ते का दर्द
Nitesh Shah
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
...........!
...........!
शेखर सिंह
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
" लो आ गया फिर से बसंत "
Chunnu Lal Gupta
"दिल की किताब"
Dr. Kishan tandon kranti
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस
Neerja Sharma
खुद को खोकर तेरे प्यार में...
खुद को खोकर तेरे प्यार में...
Sunil Suman
आज पशु- पक्षी कीमती
आज पशु- पक्षी कीमती
Meera Thakur
किसी दिन ....
किसी दिन ....
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
Sudhir srivastava
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
#विदाई_____
#विदाई_____
sheema anmol
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे
दोहे
seema sharma
Loading...