दुनिया की गाथा
दुनिया के लोगों की गाथा विचित्र है,
जन्मे एक कोख से आचरण भिन्न है।
संत होय कोई – कोई होते बलबीर,
होते कोई दानी करत आचरण पुनीत।
राम ही ब्रह्म है ब्रह्म से जगत है ,
भरत ,लक्ष्मण ,शत्रुघ्न में राम का ही अंश है।
संपूर्ण ब्रह्मांड में केवल राम ही सत्य है,
राममय जग है राममय जग है।
आधुनिकता का दौर आया बड़ा विचित्र है,
रामचरितमानस ही इसका मूल मंत्र है।
संसार रूपी रंगमंच माया से सजा है,
विभिन्न कलाओं में डूबे अभिनय कर्ता हैं।