दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं
हम तो शम्आ पर जलते परवाने हैं।
महफ़िल मेरी झूम रही है यारों से
इनके बिन तो कोसों तक वीराने हैं।
एक नज़र ना देखा उसने चिलमन से
कैसे कह दें आँखों को मयख़ाने हैं।
बेशक कर दो बेघर हमको यादों से
ख़्वाब सरीखे हम तो आने जाने हैं।
त़ीर जुबां के जिनके घायल हैं करते
हमको उनके दिल भी तो महकाने हैं।
क़ातिल उसको देखो कैसे कह डाला
सच के जिसने खोले सब तहख़ाने हैं।
झूठ छुपाते रहते अंदर सीने के
राज उन्हीं के दुनिया को बतलाने हैं।
जिस थाली में खाया उसमें छेद किया
अक़्सर अब तो ऐसे ही याराने हैं।
श़ज़र “परिंदे” का क्यूँ लूट लिया बोलो
अब तो लगते अपने भी बेगाने हैं।
पंकज शर्मा “परिंदा”
खैर ( अलीगढ़ )
9927788180