दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी!
मानवता के लिए यह संकट की घड़ी,
दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी,
अहम की यह लड़ाई हो रही है बड़ी,
अपनी अपनी सबको है पड़ी,
मानवता के लिए है यह संकट की घड़ी,
दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी!
स्वार्थों ने सबको है जकड़ा हुआ,
स्वार्थों पर ही तो ये झगड़ा हुआ,
अपने अपनों के स्वार्थों में हैं देश बंटे हुए,
अपने अपने ही हितों में हैं सब जुटे हुए,
मानवीयता की है किसको पड़ी,
मानवता के लिए है यह संकट की घड़ी,
दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी!
कुछ देश विस्तार वाद में जुटे हैं,
उनके अपने अलग ही एजेंडे हैं
अपने देश की सीमाओं को बदलने को हैं आतुर,
बेगुनाह मानवों को मारकर बन रहे हैं बहादुर,
किसी का भी इन पर नियंत्रण नहीं है,
ये जो चाहते हैं वही सही है,
मानवता के लिए यह संकट की घड़ी है,
दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी है!
कुछ देश वणज व्यापार में एकाधिकार चाहते हैं,
पुरी दुनिया में सिर्फ अपना ही कारोबार चाहते हैं,
जुटा रहे हैं वह अंबार धन दौलत का,
इसके लिए वे और अधिक विस्तार चाहते हैं,
दिखाते हैं वह उन्हें सपने सुहाने,
बेचते हैं वे अपना उत्पाद इसी के बहाने,
इससे भी जुड़ गई यह एक कड़ी,
मानवता के लिए है यह संकट की घड़ी,
दुनिया युद्ध के मुहाने पर है खड़ी!!