दुनिया में दर्द हैं बहुत मेरा कुछ भी नहीं ‘राही’
देकर के मेरे दिल को मैंने किआ यकीं
दुनिया में दर्द हैं बहुत मेरा कुछ भी नहीं….
देकर ….
दुनिया …
जो नज़र मेरी खुद से मिली हुआ मुझे एहसास ये …2
बेक़दर ज़माने में कोई बेवफा नहीं …
देकर ….
दुनिया …
कुछ लोग मेरे वजूद में हंसते हुए मिले … 2
मेरे दर्द की मेरे खास को कोई फिकर नहीं ….
देकर ….
दुनिया …
एक इंसान वो भी अजीब था जो गया यूँ छोड़ कर ….2
मेरे आंसुओं का कोई होता असर नहीं ….
देकर ….
दुनिया …
मिट भी जाऊ तो कम है मेरे लिए मेरे खुदा
मेरे दिल की मोहब्बतों की उसे कोई कदर नहीं ….
देकर ….
दुनिया …
– राहुल सोनी ‘राही’