दुनिया में कोई बुरा नहीं
दुनिया में कोई बुरा नहीं, पहचान है अपनी अपनी
जैंसा देखो जैंसा समझो, दृष्टि है अपनी अपनी
रब की सब कठपुतलियां हैं,सब अपना रोल निभाते हैं
अपना अपना रोल निभा, बापिस घर को जाते हैं
चार दिनों की मेहमानी है, जो भी धरती पर आए हैं
सब तो हैं उस रब के वंदे,रोल निभाने आए हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी