दुनिया में इतना गम क्यों है ?
आखिर दुनिया में इतना गम क्यों है ?
हर इंसान खुद परेशान सा क्यों हैं?
हर कोई नजर आए गमजदा ऐसा,
जाने सबके दिलों पर बोझ क्यों है ?
बेऔलाद होने का गम किसी को है ,
औलाद नेक ना हो तो गम क्यों है ?
कोई अपनी तंग हाली से परेशान है ,
मगर दौलत वाला भी परेशा क्यों है ?
कोई अपनी बीमारी से दुखी रहता है,
कोई जायदा सेहद से परेशा क्यों है ?
किसी को नौकरी पाने की फिक्र सताए,
मगर नौकरी वाला फिर परेशान क्यों है ?
शादी शुदा इंसान शादी करके दुखी है ,
तो कंवारा शादी न होने से दुखी क्यों है ?
छोटी सी जिंदगी में अरमान है बेशुमार,
पूरे ना हो सकेंगे सारे अफसोस क्यों है ?
जलन और असंतुष्टि भी गम की वजह है ,
आखिर तू इतना जायदा बेसब्र क्यों है ?
तसल्ली क्यों नहीं होती तुझे जिंदगी में,
अरे इंसान ! तू इतना ना शुक्रा क्यों है ?
जितना है तेरे पास उसी में खुश रहा कर ,
खुदा से औकात से जायदा मांगता क्यों है ?
इंसान के हक में बस अच्छे कर्म करना है ,
मगर इसके फल पर तेरी नजर क्यों है?
माना की जिंदगी में तकदीर बड़ी चीज है ,
मगर मेहनत से भी भला तू डरता क्यों है ?
इस दुनिया से गम दूर हो सकते है बेशर्ते !,
इंसान समझ ले आखिर वो दुखी क्यों है ?
दुख सुख और कुछ नही एक नजरिया है ,
जानता है सब तो फिर उलझता क्यों है ?
” अनु ” दुआ करे रब से सबकी खुशी वास्ते ,
आखिर तेरे रहते तेरा इंसान दुखी क्यों है ?