*दुनिया खूबसूरत एक मेला है (भक्ति-गीतिका)*
दुनिया खूबसूरत एक मेला है (भक्ति-गीतिका)
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(1)
कोई कहता है दुनिया खूबसूरत एक मेला है
कोई कहता है दुनिया एक झंझट है झमेला है
(2)
जगत की भीड़-भक्कड़ में भले सब की कटी सॉंसें
यहॉं आखिर में जाना किंतु सबको ही अकेला है
(3)
समस्याऍं सभी के पास टकराती हैं रोजाना
सफल इंसान है वह इनसे हॅंस-हॅंसकर जो खेला है
(4)
घमंडी-नकचढ़े लोगों से सबका ही पड़ा पाला
सभी ने इनके रूखे आचरण का दंश झेला है
(5)
भले ही जोड़कर कितना भी धन रख लो तिजोरी में
गया कोई भी दुनिया से न लेकर एक धेला है
(6)
भले सोना हो या चॉंदी या मिट्टी से भरे बोरे
वजन मतलब है बस इनका ,चला जब लाद ठेला है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451