दुनिया के रंग निराले
* दुनिया के रंग निराले *
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दुनिया के रंग निराले हैं,
बदलते रखते जमाने हैं|
नही करो जो मन भाये,
पल मस्ती भरे सुहाने हैं|
कोई पग विफल न जाए,
तौर-तरीके बड़े पुराने हैं|
प्रेम जीवन की चाबी है,
गिले – शिकवे भुलाने हैं|
कोई वार खाली न जाए,
सदा साधे ही निशाने हैं|
मनसीरत कब दल-बदलू,
अपने ही ठोर-ठिकाने हैं|
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)