दुनिया एक एक गलती का हिसाब चुकाएगी
हमारी शराफत को तुम, कमजोरी समझ बैठे
हमारे प्यार के बदले, तुम खंजर लिए बैठे
हमने दोस्त समझा था, नादानी हुई हमसे
रंग गिरगिट सा बदलोगे, नहीं उम्मीद थी तुमसे
दोस्ती भी निभाई है, दुश्मनी भी निभा देंगे
किसी धोखे में मत रहना, किये की हम सजा देंगे
जो मांगा था, दिल से दे दिया हमने
नजर फिर क्यों गड़ाई है, मेरे भूभाग पर तुमने
तिब्बत अक्साईचीन, गलवान को अपना बताते हो
दक्षिण चीन सागर पर, बेजा कब्जा जमाते हो
अब नहीं चलेंगी तुम्हारी, चालें कुटिल
नहीं पी सकते, आस्तीन के सांपों का ये गरल
तुमने एशिया सहित यूरोप को, किया है बेहाल
सावधान चाइना, अब भारी पड़ जाएगी
दुनिया एक एक गलती का, हिसाब चुकाएगी