दुनियां
दुनिया है एक छलनी, कब काैन किसे छल जाये,
प्यार है बड़ा अनमोल, कब काैन इससे पिघल जाये,
लाखाे है यहाँ जाे घूमते, प्यार का लेकर झाेला,
प्यार के है कई रुप यहाँ, पहने अलग अलग चाेला,
साधू संताे के भी है, यहाँ कई चेले,
काैन सच्चा, काैन झूठा, मन में है बड़े झमेले,
दुनिया है एक छलनी………….
सच्चा झूठा दाेनाे फैलाते, अपना प्रेम जाल,
सच्चा ईश्वर की राह बताता, झूठा फैलाता इन्द्र जाल,
पल दाे पल का जीवन है, जी ले इसकाे खुशियों संग,
दुख के बादल छट जाएँगे,मत लगने दे इस पर जंग,
दुनिया है एक छलनी………..
तुझे मिला है मानव जीवन, तू पहचान इसकी मानवता,
मत छल इन भाेले लाेगाे काे, मत दिखला अपनी दानवता,
पल भर के सुख के लिये , मत त्याग अपना धर्म,
कर्तव्य पथ पर बढ़ता चल, करता रहे अपना कर्म,
दुनिया है एक छलनी…………
।।।।जेपीएल।।।।।