Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

दुनियां कहे , कहे कहने दो !

, दुनियां कहे , कहे कहने दो !
••••••••••••••••••••••••••
शुभ्र चाँदनी श्यामल निशि से,मानो बातें करती है !
मौसम-मौसम की महिमा है,करबट रोज बदलती है!!

चौदह दिन आने में लगते,उतने ही जाने में लगते-
एक-एक दिन ठहर यहाँ-वहाँ,फिर से चलने लगती है!

अर्ध-मास दे पीठ जगत को,धीरे-धीरे श्यामल हो-
नाम अमावस जानी जाती , ऐसा ज्योतिष कहती है!

नही॔ मानता मन तो फिर से,कैद अँधेरे से निकले-
एक-एक पल सुमुख चाँद हित,पूनम नाम सिरजती है!

कुदरत के आँगन में जब तू,खुल कर अठखेली करती-
कभी रेत पर दर्पण बनती,बन कर ओस टपकती है!

विरही तेरे संग-संघाती,पल-पल साथ निभाते हैं-
फर्क नहीं तू श्यामल है या,जग को रौशन करती है !

द्रुम शाखाओं से छन-छन कर,जब तू चित्र बनाती है –
बड़े भाग्यशाली वो मानव, जिनका दु:ख तू हरती है !

चुप रहने का मंत्र कोई यदि सीखे तो तुझ से सीखे-
चुप रह कर भी मन ही मन तू,मन से बातें करती है !

आँखों के अंधो को भी तू ,दर्शन मार्ग कराती है-
कहीं शांति यदि नहीं मिले,उन को शांति सिरजती है !

चल उठ चलो चाँद पर चल कर,हम तुम रहें अकेले ही-
दुनियां कहे कहे कहने दो,दुनियां बहुत फ़ितरती है !

मन में हो संतोष अगर तो,चाँद चाँदनी मिल जाये-
और नहीं तो पूनम भी रो ,बन कर ओस सुबकती है !
——————————————————–
04/01/2024/आशु-चिंतन/स्वरूप दिनकर

183 Views
Books from Ramswaroop Dinkar
View all

You may also like these posts

"कइसन जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
चिड़ियाघर
चिड़ियाघर
विजय कुमार नामदेव
स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर कुछ दोहे .....
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ दोहे .....
sushil sarna
सीरत अच्छी या सूरत अच्छी
सीरत अच्छी या सूरत अच्छी
MEENU SHARMA
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रख लेना तुम सम्भाल कर
रख लेना तुम सम्भाल कर
Pramila sultan
एक उम्मीद छोटी सी...
एक उम्मीद छोटी सी...
NAVNEET SINGH
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नेताजी को लू लग गई
नेताजी को लू लग गई
Harinarayan Tanha
विरह रूप (प्रेम)
विरह रूप (प्रेम)
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बूढ़ा बागवान
बूढ़ा बागवान
Rajesh Tiwari
"मासूम ज़िंदगी वो किताब है, जिसमें हर पन्ना सच्चाई से लिखा ह
Dr Vivek Pandey
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
ललकार भारद्वाज
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
"Make sure that wherever you’re at in life, you don’t treat
पूर्वार्थ
उसने कहा,
उसने कहा, "क्या हुआ हम दूर हैं तो,?
Kanchan Alok Malu
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
Abhishek Soni
कोशिशें भी कमाल करती हैं
कोशिशें भी कमाल करती हैं
Sunil Maheshwari
Spectacular Superman
Spectacular Superman
Chitra Bisht
पलटू चाचा
पलटू चाचा
Aman Kumar Holy
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
DrLakshman Jha Parimal
2749. *पूर्णिका*
2749. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देश हे अपना
देश हे अपना
Swami Ganganiya
सरस्वती वंदना-6
सरस्वती वंदना-6
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
Loading...