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18 Apr 2019 · 1 min read

दुनियाँ फूलों की

दिनांक 18/4/19

फूलों की दुनियां
होती है निराली
खुद हँसते हैं
हर माहौल में
सिखाते हैं
हँसना हँसाना
इन्सान को
बेखबर रहते हैं
कब तोड़ लिए जाऐंगे
उन्हें तो मुस्कुराना है
बस हर पल, हर क्षण
हर इन्सान के लिए

काश इन्सान भी
सीख ले
फूलों से
ये सादगी , समर्पण
जिंदगी में
कट जाऐगा
जीवन आराम से

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
355 Views
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