दुनियाँ को लग रहा है प्यारा वतन हमारा
गज़ल
221……2122……221…..2122
है गोद में हिमालय गंगो जमन की धारा।
दुनियाँ को लग रहा है प्यारा वतन हमारा।
कैसे मिली आजादी ये जाने बच्चा बच्चा,
हम देश प्रेम बोएं ये ही धरम हमारा।
अब देश का तिरंगा लहराए आसमां तक,
परचम रखेंगे ऊंचा बन करके इक सितारा।
तन मन औ धन धरम से हैं देश के लिए हम,
कुर्बान हँस के होंगे ये ही करम हमारा।
इसमें पले बढ़े हैं, इक माँ सा प्यार पाया,
हो देश को जरूरत लेंगे जनम दुबारा।
दुनियाँ से रुख्सती में प्रेमी शुकूं मिलेगा,
खाके वतन में मिलके अरमां यही हमारा।
…..✍️ प्रेमी