दुखकर भ्रष्टाचार
दुखकर भ्रष्टाचार
दुखकर भ्रष्टाचार से दुखित आज हैं लोग
सब कहते हैं है बड़ा , यही आज का रोग
यही आज का रोग , देख रोना आता है
दुख भारत के भाग्य , में यही भर जाता है
ऐसा ही निज भाव , व्यक्त करते सारे पर
खुद हैं इसमें लीन , यही है असली दुख कर