-दुआ
दुआ यह है कि अपने और सब रहे सलामत
खुशियों में सबकी होती रहे बरकत
अक्षय तृतीया हो या ईद की इबादत
मायने नहीं रखता हो कोई भी मजहब
बस मांगती हूं आज मैं दुआओं में रब से
सहारा बनो उनके जो परेशान हो रहे तब से
-सीमा गुप्ता, अलवर