दुआओं में शिफ़ा है जो दवाओं में नहीं मिलती
दुआओं में शिफ़ा है जो दवाओं में नहीं मिलती,
बुजुर्गों की मोहब्बत आबशारों में नहीं मिलती,
‘शिवा’ भाता नहीं कोई भी तेरे बाद उसको अब,
मिली थी जो ख़ुशी तुझसे हज़ारों में नहीं मिलती।
-©अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”