दुआओं में याद
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ कहानियाँ बड़ी खूबसूरती के साथ प्र्रारम्भ होती हैं ,मध्यांतर तक खट्टी मीठी नोंकझोंक और कुछ आपसी समझौतों के साथ चलती हैं और फिर वक़्त के साहिल पर ऐसा तूफ़ान आता है की सब कुछ तोड़ते हुए वो कहानी अधूरी ही रह जाती हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कुछ लोग सपनों की उडारियाँ पूरी करने के लिए अपनों को छोड़ दूर कहीं दूर चले जाते हैं और जब वापिस आते हैं तो वो रिश्तों की तपिश ठंडक में बदली हुई पाते हैं ,इसी प्रकार कुछ लोग अपनों के लिए अपने सपनों की उडारियों के पंख काट देते हैं और एक वक़्त पर रिश्ते सपनों के टूटने की वजह से छिटक जाते हैं …कौन सही …कौन गलत …?
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी में इंसान सबसे मिलने की ख्वाहिश रखता है पर अपने आप से ही नहीं मिल पाता क्यूंकि वो अच्छी तरह जनता है की जिस दिन वो वास्तव में अपनी आत्मा रूपी आईने की धूल साफ़ करके सामने खड़ा हो गया वो शायद अपने आप से भी नजरें नहीं मिला पायेगा …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की मौत एक ऐसी सच्चाई जो बिना किसी आहट के दबे पाँव आती है और साँसों की डोरी काट कर चुपके से हाथ थाम कर जमीन से आसमान की यात्रा पर ले जाती है ,कल को अगर वो मुझे भी ऐसे ही ले जाये तो मुझे मेरी जानी अनजानी गलतियों के लिए माफ़ कर देना और हो सके तो अपनी दुआओं में याद रखना ….!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान
श्राद्ध पक्ष/पितृ पक्ष -परमपिता परमेश्वर से अरदास है की वो आपके अपने नातेदारों -रिश्तेदारों -मित्र -बंधू -बांधवों -एवं समस्त दिवंगत हो चुकी आत्माओं को उनके कर्मों के हिसाब से शांति दें -मुक्ति दें -मोक्ष दें ,उनका सकारात्मक स्नेह भरा आशीर्वाद आपके और आपके परिवार पर बना रहे …??