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12 Jan 2022 · 1 min read

दुआएं~~~

°°°°°°°°°°°°
सोचते है हम कि, वक़्त रहते सब कर लेंगे,
जो सपने देखे थे हमेशा, सच उनको कर लेंगे,
अरमान तो दिल में हज़ार होते हैं हमारे,
और सोचते हैं,ख्वाहिशों में भी दम भर लेंगे ।
तह लगाकर रखी थी हमने ज़िन्दगी की चादर,
और वक़्त कुछ यूं उसे, खेल में बर्बाद कर गया,
सिलवटें ऐसी पड़ी कि, ना रही कोई कदर,
किस्मत का महीन धागा, कुछ ऐसा उलझ गया ।
जब लगा था कुछ बन कर, कुछ कर के दिखाऊंगा,
और मुट्ठी में अपनी, हम ये ज़माना बंद कर लेंगे,
पर रह जाती हैं ख्वाहिशें हमारी, दब कर कहीं,
और अफसोस में लगता है, ज़िन्दगी खत्म कर लेंगे ।
हिम्मत हार कर ना कोई, कदम गलत उठाना,
ख़ुदा के एहसानों को सर् आँख रख लेंगे,
माँ बाप की ना जाने कितनी दुआयें साथ होंगीं,
मंज़िलों को किसी दिन अपने, कदमों तले कर लेंगे ।

© ऋषि सिंह “गूंज”

Language: Hindi
188 Views
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