दुःख
ऐ दुःख देखे तुझे तेरी उम्र कितनी है ।
कभी ना कभी तो तेरा अंत होगा ,आखिर कब तक तू मेरा साथ देगा ,कब तक मेरा साथ नहीं छोड़ेगा कब तक साथ चलेगा । कभी ना कभी तो तेरा अंत होगा, ले तु मेरे सब्र का इन्तहा हमेशा कभी कोई साथ नहीं रहता ,तो तू कैसे रहेगा ।
लेने आया था तू मेरी सहनशीलता की परीक्षा रह तुझे जितने दिन भी रहना फिर ना कहना ,मौका नहीं मिला हमें सताने का रुलाने का
क्योंकि जितना तू सताएगा उतना ही सुख में आनंद आऐगा।