दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए हैं, हमें स्थिर होना पड़ेगा तभी हम जीवन में परिवर्तन की ओर बढ़ेंगे।
~ रविकेश झा
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए हैं, हमें स्थिर होना पड़ेगा तभी हम जीवन में परिवर्तन की ओर बढ़ेंगे।
~ रविकेश झा