दुंदुभि है बज उठी
आज जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सी आर पी एफ के जवानों को श्रद्धांजली , स्वरूप समर्पित एक रचना
प्रहरी का आह्वान !!
दुन्दभि है बज उठी
आ रही है पुकार !
ऐ वतन के वासियो !
हाथ में ले लो कटार।
प्यार बेशक है जुबां-
पर हम कोई कायर नहीं
हम तो हैं रणबांकुरे-
हम कोई शायर नहीं।
खूं ही है दौर -ए – शिरा
ये कोई पानी नहीं।
हम ही हैं हम
हमारा कोई सानी नहीं।
दुश्मनों ने जब भी की है दगा हमसे-
मुँह की ही खाई है।
बे -गुनाहों का कत्ले-आम-
कोई बहादुरी नहीं छद्म लड़ाई है।
दुश्मनों के दांत खट्टे हैं किये
हमने कितनी ही दफा।
जंगे -आज़ादी से लेकर आज तक –
हमने दी है हर ज़फ़ा की ही सजा।
देश खतरे मैं है आज
वक्त की है ये पुकार
ऐ वतन के वासियो !
हाथ में ले लो कटार।