दी कश्मीर फाइल्स पर एक गजल
अक्सर फिल्मे बनती हैं,कमाने के लिए,
कश्मीर फाइल्स बनी है,जगाने के लिए।
लोग फिल्मे बनाते हैं,झूठ छिपाने के लिए,
ये फिल्म बनी है सच को दिखाने के लिए।
लोग रुठ जातें हैं जो झूठ को नही चाहते,
ये फिल्म बनी है,रूठो को मनाने के लिए।
कभी कभी सच सो जाता है झूठ के आगे,
समय आ गया है सच को जगाने के लिए।
दबे है जो प्रश्न मनो में अब से सत्तर साल पहले,
समय आ गया है,उनको अब उठाने के लिए।
सच को छिपा रखा था,कुछ देश के गद्दारों ने,
समय आ गया है,उनसे सच बुलवाने के लिए।
रस्तोगी हमेशा लिखेगा,जो राष्ट्र हित में होगा,
ये गज़ल लिखी है,केवल सच बताने के लिए।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम