दीवाली विशेष कविता
दीपावली की रौनक लाए सभी को एक साथ
खुशियों के रंग बिखरे छाए हर ओर उल्लास।
घर-२ में दीप जलें मनाए मिलकर सब त्योहार
पटाखों का शोर गूंजे हर्षाए सब बच्चों के मन।
कोना-२ जगमग करे जलाए जब दिव्य दीप
जलते दीपों के उजियारे से होए दूर सारा तम।
घर आंगन रंगोली बने गाए सारे सुमंगल गीत
आतिशबाजी गगन में फूटे मचाए सब खूब धूम।
रिश्तों में मिठास भरें लाए खुशियों का पैगाम
मां लक्ष्मी का वंदन करे भक्तीभाव से सब जन।
हर्षोल्लास से नगर सजे मनाए उज्ज्वल त्योहार
लक्ष्मी की कृपा से आए सुख-समृद्धि की बहार।
— सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार