दीवाना दिल है पुकारे
दीवाना दिल है पुकारे
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दीवाना दिल है पुकारे
बनो तुम हमारे सहारे
दिन रात ये दिल है रोए
तुम बिन हैं हम बेसहारे
सूनी दिल की यहाँ राहें
ला दो फूलों की बहारें
हाले दिल कैसे सुनाएं
आँखें रास्ता हैं निहारें
तेरी रहगुजर के राही
नजरानों के हों नजारे
प्रेम के हैं ये अफसाने
किसे सुनाएं ये फुहारें
प्रेमाग्नि में हैं जल रहे ं
हो गए हैं हम बेचारे
प्रेम रंग में डूबे बैठे
मिले हम,हों वारे न्यारे
सुखविन्द्र प्रेमी वैरागी
उदासीन दिल है पुकारे
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खैड़ी राओ वाली (कैथल)