दीया हमें जलाना है
दीया हमें जलाना है
सबके जीवन में रोशनी फैलाना है
बीत रहा है जो बचपन सड़कों पर
उसे उसकी सही जगह पहुंचाना है
उसे पूरा पोषण मिले, कपड़े मिले,
रहने को घर मिले और अच्छी शिक्षा
मिले इसलिए उसे स्कूल में पहुंचाना है
दीया हमे जलाना है
उसके जीवन में रोशनी फैलाना है।।
बचपन में ही जिसके नाज़ुक हाथों में
खुरपी और हथौड़ा है
उसे उसकी सही जगह पहुंचाना है
उसको भी खेलने को खिलौने मिले,
सोने को बिस्तर मिले, मां बाप का प्यार मिले
और रोजगार के अवसर मिले
इसलिए उसे अच्छी शिक्षा दिलानी है
दीया हमें जलाना है
उसके जीवन में रोशनी फैलाना है।।
मांग रहा भीख सड़कों पे जो बचपन
उसे उसकी सही जगह पहुंचाना है
उसके हाथ में भी किताबें हो,
होंठों पे मुस्कान हो, बचपन की मासूमियत हो
और वो भी अपने मां बाप के सपने पूरे करें
इसलिए उसको नई राह दिखलानी है
दीया हमें जलाना है
उसके जीवन में रोशनी फैलाना है।।
जूझ रहा जो बचपन कुपोषण से
उसे भी उसकी सही जगह पहुंचाना है
उसको भी भर पेट भोजन मिले,
सुबह मिले, दिन को मिले,
रात को मिले और स्वस्थ तन मिले
इसलिए उसको अच्छी खुराक दिलानी है
दीया हमें जलाना है
उसके जीवन में रोशनी फैलाना है।।