दीया तले अंधेरा
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️
🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक दूसरी कविता :-
विषय : दीया तले अंधेरा
मेरे घर में है दिया तले अँधेरा ,
तेरे घर में भी है दिया तले अँधेरा ,
परिवार में राजनीती -ये दोहरे चेहरे ,
क्या नहीं है ये दिया तले अँधेरा !
ये झूठे और स्वार्थ में लिप्त रिश्ते ,
ये अपनापन जताते -मीठी पर झूटी बातें बोलते रिश्ते ,
इस कलयुग में पैसे को ही धर्म मानते रिश्ते ,
स्वार्थ के लिए एक छत के नीचे रहते रिश्ते ,
क्या नहीं है ये दिया तले अँधेरा !!
चुनाव के समय पाँव पड़ते ये नेता ,
गरीब -लाचार से इंसानियत दिखाते नेता ,
चुनाव जीतने पर जनता को अपने क़दमों पर बिठाते नेता ,
क्या नहीं है ये दिया तले अँधेरा !!!
धर्म के नाम पर डराते और लूटते ये धर्म के ठेकेदार ,
ईश्वर का अवतार लिए लाशों का सौदा करते ये सफेदपोश इंसान ,
आपकी मजबूरी में आपके कपडे उतारते ये खाकी और काले कोट वाले इंसान ,
क्या नहीं है ये दिया तले अँधेरा !!!!!
कहाँ नहीं है दिया तले अँधेरा ,
हाँ -उस सतगुरु के दर पर ,
उस इष्ट की चौखट पर ,
केवल वहीँ है उजियारा -प्रकाश -राह ,
वहां नहीं है दिया तले अँधेरा …!
(यहाँ किसी व्यक्ति विशेष -धर्म विशेष -जाती विशेष या कार्य विशेष पर कोई प्रहार नहीं है ,इस कलयुग में जो चरितार्थ हो रहा है वो सत्य मात्र है )
Affirmations :-
1-मैं समस्या से ज्यादा उसके निराकरण को निकालने में
विश्वास रखता हूँ…
2-मुझे खुद पर विश्वास है…
3-मैं कोई भी काम कर सकता हूँ…
4-मेरा शरीर, मन और आत्मा पूरी तरह से स्वस्थ है…
5-मेरा concentration level बहुत high है में नई चीज़ो को बहुत जल्दी सीख लेता हूँ …
6-मैं हमेशा सच बोलता हूँ…
7-जो मैं सोच सकता हूँ वो मैं कर भी सकता हूँ…
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
स्वरचित स्वमौलिक
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱