दीप संदेश
दीप संदेश
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(1)
दीया घर-घर जलाना हैं,
अँधेरा सदा मिटाना हैं।
शुभ दीवाली की रौशनी से,
चारों ओर फैलाना हैं।
(2)
टीस न मन में लाना हैं,
ऐसी उमंग जगाना हैं।
आत्मज्योति जगाकर,
सत्मार्ग में राह बढ़ाना हैं।
(3)
लड़ाई किसी से न करना हैं,
बुराई किसी से न करना हैं।
प्रेमसद्भाव मन में जगाकर,
सबको गले लगाना हैं।
(4)
गरीबों को नहीं सताना हैं,
अमीरी का धौंस न बताना हैं।
समन्वय सभी बनाकर ,
ऐसा मुहिम चलाना हैं।
(5)
सदकर्म ही करना हैं,
सत्यधर्म में रहना हैं।
परमज्योति की पुंज से,
दीपक जैसे चमकना हैं।
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स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे, “कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)