दीप जलाओ
दीप जलाओ
जला सको तो दीप जलाओ , आग लगाना मत सिखो
लगा सको तो बाग लगाओ, बाग उजाड़ना मत सिखो
जला सके तो दीप जलाओ, अंधकार को मिटाओ
बोल सके तो मिठे बोलो, कटु बोलना मत सिखो
जला सके तो दीप जलाओ, अंतरमन को प्रकाशमान करो
सभी जीव-जन्तु, पशु-पक्षी , प्राणियों की रक्षा करों
जला सके तो दीप जलाओ, सभी सेवाभावी का सम्मान करो
सहयोग नहीं कर सको तो , किसी का कार्य मत बिगाड करो
रहने के लिऐ जगह नहीं दे सको तो, झोपड़ी मत उजाड़ो
दूःख को दूर नहीं कर सके तो, किसी के दुःख को ना बढ़ाओ
जगत की चिंता मत कर , पहले मास्क पहनना अनिवार्य करें
जब भी घर बाहर से आये, पहले हाथों को सैनटाईजर करें
जीवन के हर दृश्य बदलते रहते , 24 पहर में समय अच्छा बीताना हैं
अच्छे कर्म करते रहना हैं , जीवन को सुरक्षित बनाना हैं ।
राजू गजभिये
हिंदी साहित्य सम्मेलन , बदनावर