Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2021 · 2 min read

दीपोत्सव

#दीपोत्सवदीपदान से दीपावली बना त्यौहार छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यापारी से लेकर मजदूर तक त्योहारों की दृष्टि से मनाए जा रहे हैं अति उत्साहित दीपावली त्यौहार मैं यहां एक रंग त्यौहार मनाने के साथ-साथ ढोंग पाखंडवाद हठधर्मिता के नए-नए रूप रंग देखने को मिलते हैं जिस प्रकार दीपावली भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म के चंगुल में फंसा हो कहीं ना कहीं लपेटे में आ ही जाता है पंच दिवसीय इस त्यौहार में अनेकों अनेक प्रकार की भ्रम भारतीयों सहित गरीब परिवारों का दिवाला निकल जाता है अनेकों अनेक स्वरूप मैं त्योहारों में पारंपरिक वेशभूषा है एवं नए-नए प्रयोगों में एक दूसरे को देख कर थोड़ा होड़ में पैसा खर्च किया जाता है यह बात सही है की त्यौहार अब जो लोग समझ चुके हैं उनकी मजबूरी भी अपने बच्चों के प्रति इस दलदल में घसीट लाती है एक दीपावली गरीब मजदूर की बच्चे की कि वह यह सोच रहा है कि पटाखे नए जूते चप्पल मीठा एवं अन्य सामग्रियां कब पास में आए और मैं कब त्यौहार मनाऊं जैसा कि इसका विपरीत अन्य पेशेवर लोगों के साथ नहीं होता बड़ी ही विकट घड़ी में मजदूर वर्ग इस त्यौहार को ठीक ढंग से मना पाता है बच्चों के लिए रही है त्योहार स्कूल से 10 दिन की छुट्टियों का रहता है वह उसी में ही खुश रहते हैं त्यौहार में धनतेरस पर धन खरीदो बर्तन खरीदे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदें नए नए ढकोसले गरीबों का बंटाधार इस त्योहार पर एक बात सही है कि प्रकृति द्वारा दिए गए उपहार गन्नों और फलों व्यक्ति अपना आता है कालरात्रि दीपावली महोत्सव में जुआ खेला जाता है जो वर्षों से माता पिता जिस कार्य के लिए मना करते हैं वही कार्य इस त्यौहार में बड़े बुजुर्ग परिवार के साथ बैठकर आनंद लेते हैं कई लोग अर्धरात्रि ढोंग पाखंडवाद के अनुसार विशेष पूजा पाठ करते हैं बस इसी में सिमटा हुआ यह त्यौहार गरीब को अनंत खुशियां दे जाता है और पीछे अपने बच्चों की खुशियों के लिए वह कर्ज ढोंग पाखंड वाद से मिश्रित दीपोत्सव से बदला गया दीपावली त्यौहार हर गरीब और हर अमीर बस यही सोच की लक्ष्मी स्वरूप प्रसन्न हो और अगले वर्ष आनंद खुशियों के साथ त्यौहार मनाएं !!!
अंततः बच्चों की खुशियों के लिए समर्पित भाव से माता पिता समर्पित हो जाते हैं!
और अंततः दीपदान से दीपोत्सव से विमुख समाज दीपावली नामक त्योहारों में सम्मिलित और समर्पित हो जाते हैं!
लेख
स्वतंत्र विचारक
शिक्षक
उमेश बैरवा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
कृष्णकांत गुर्जर
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमारी आजादी हमारा गणतन्त्र : ताल-बेताल / MUSAFIR BAITHA
हमारी आजादी हमारा गणतन्त्र : ताल-बेताल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
#प्रभा कात_चिंतन😊
#प्रभा कात_चिंतन😊
*प्रणय प्रभात*
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
क्रोध
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माचिस
माचिस
जय लगन कुमार हैप्पी
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
परीलोक से आई हो 🙏
परीलोक से आई हो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
Ram Krishan Rastogi
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
Dr. Upasana Pandey
2543.पूर्णिका
2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
शेखर सिंह
༺♥✧
༺♥✧
Satyaveer vaishnav
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सोच समझकर कीजिए,
सोच समझकर कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं तुझे खुदा कर दूं।
मैं तुझे खुदा कर दूं।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
Rj Anand Prajapati
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
ख़ान इशरत परवेज़
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
Loading...