दीपों का त्योहार है (गीत)
दीपों का त्यौहार है (गीत)
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आतिशबाजी नहीं ,दिवाली दीपों का त्यौहार है
( 1 )
जहर हवा में घोल रही यह आतिशबाजी रोको
आसमान को मैला करने वालों को अब टोको
कहो पटाखे भारत की संस्कृति में हुआ विकार है
आतिशबाजी नहीं ,दिवाली दीपों का त्यौहार है
( 2 )
बीमारों को धुँआ पटाखों का बन काल सताता
जहाँ पटाखे वहाँ साँस कब रोगी है ले पाता
पर्यावरण प्रदूषित जिससे कहो उसे धिक्कार है
आतिशबाजी नहीं ,दिवाली दीपों का त्यौहार है
( 3 )
दिए जलाओ मिट्टी के सोंधी सुगंध फैलाओ
साफ – सफाई स्वच्छ राह को जीवन में अपनाओ
निर्मल वायु स्वास्थ्य की समझो ,जीवन का आधार है
आतिशबाजी नहीं ,दिवाली दीपों का त्यौहार है
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451