दीपावली
लो आई फिर
दीपावली
चलो ,इस बार
मन के किसी कोने में
दीप जलाएं इक
शांति का ,
प्रीती का ,
स्नेह का
फिर इस मनदीप से
दीप से दीप जलाएँ
दीपमाल से गुँथ जाएँ
जैसे इक माला के फूल
फूल सुगंध से महकाएँ
ये दुनियाँ सारी ।