दीपावली
रौशनी का है त्यौहार दीपावली
करती खुशियों की बौछार दीपावली
दूर कर मन कलुष बाँटती नेह है
प्रीत का देती उपहार दीपावली
साथ मिलकर सभी हैं मनाते इसे
एक करती है परिवार दीपावली
हर जगह सज रही दीपमाला यहाँ
कर रही भू का श्रृंगार दीपावली
दीप मन में ख़ुशी के जलाकर सुनो
हर रही गम का अँधियार दीपावली
चाँद की याद भी आती इस दिन नहीं
जगमगाती यूँ संसार दीपावली
मात लक्ष्मी की करते सभी अर्चना
भरती मन में है संस्कार दीपावली
डॉ अर्चना गुप्ता