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5 Nov 2021 · 1 min read

दीपावली

किरीट सवैया-

कार्तिक मास अमावस की निशि,मंगल दीप जले घर द्वारन।
बालक वृद्ध युवा सब हर्षित,नूतन वस्त्र करें सब धारन।
मंदिर दीप कतार सजे शुचि,हाट सजे मधुरान्न पटाखन।
दीप सजावति है युवती अब,लक्ष्मि रिझावति वैभव कारन।

**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**

Language: Hindi
212 Views
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